tag:blogger.com,1999:blog-39135542575249526052024-03-21T11:18:03.126-07:00निःशुल्कतेरा हो या मेरा मुल्क........
हँसी हमेशा रहे निःशुल्कअनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-85908825822747272752012-05-15T10:51:00.000-07:002012-05-15T10:52:31.400-07:00सजनी के सौजन्य से ~ साजन हित में जारी ! Copyright©<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiilHemEQJQhuXddEVMjq0TYrb3I3nA736y7tqWljA1AgO701wZaMQIF1fERUAMiL-t30D5izYDdQ1muxJ3arEM_P5MB2wXBH10ykR4RO8rr4Sa2lNubTNKu31ur7KGYqcU0MgoAXHtpQNY/s1600/women-and-shopping-2-prev1216466191yz955q.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiilHemEQJQhuXddEVMjq0TYrb3I3nA736y7tqWljA1AgO701wZaMQIF1fERUAMiL-t30D5izYDdQ1muxJ3arEM_P5MB2wXBH10ykR4RO8rr4Sa2lNubTNKu31ur7KGYqcU0MgoAXHtpQNY/s1600/women-and-shopping-2-prev1216466191yz955q.jpg" /></a></div>
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देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना<br />
तुम ही मेरा जीवन हो, तुम ही हो अब मेरा सपना<br />
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कॉलेज के पहले दिन से तुम जब चक्कर काटा करते थे<br />
क्लसेस बंक कर के तुम कैसे हरदम प्रेम बाँटा करते थे<br />
सुबह शाम बॉडयगार्ड सा पीछे पीछे चलते थे<br />
गिर भी जाओ तो तुम फिर खुद से ही संभलते थे<br />
कैसे तुम मोबाइल का मेरे बिल हमेशा भरते थे<br />
कैसे तुमसे शहर के सारे आशिक़ डरते थे<br />
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देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना<br />
तुम ही मेरा जीवन हो, तुम ही हो अब मेरा सपना<br />
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कॉलेज ख़त्म हुआ तो तुमने दर दर की ठोकर खाई<br />
अपनी जॉब से पहले तुमने मेरी जॉब पहले लगवाई<br />
खुद भूखे सोए पर, शॉपिंग मेरी पूरी करवाई<br />
बस मे तुम जाते थे पर स्कूटी तुमने मुझे दिलाई<br />
ऐसे सजना को कैसे कोई मन में ना बसा जाए<br />
बचा के रखना पड़ता है, कोई और ना इसे फँसा जाए<br />
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देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना<br />
तुम ही मेरा जीवन हो , तुम ही हो अब मेरा सपना<br />
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खुद को तुमने गधा कहा था, मुझे विश्वा सुंदरी सजना<br />
खुद को मेरा पालतू, और मुझे आज़ाद परी सजना<br />
मैने एक चुंबन के लिए तुम्हे कितना तरसाया था<br />
तुमने फिर भी किसी और के लिए प्रेम ना जगाया था<br />
मैने प्रेम विवाह के लिए, तुम्हे कितना भगाया था<br />
तुमने फिर भी अपने दिल मे मेरा मंदिर बनाया था<br />
ऐसे भक्त के लिए मैं क्यूँ ना प्रकट हो जाऊं<br />
जो मुझे पाना चाहता हो, उसकी क्यूँ ना हो जाऊं<br />
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देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना<br />
तुम ही मेरा जीवन हो,तुम ही हो अब मेरा सपना<br />
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जब शादी होगी तुमसे तो तुम रानी जैसे रखोगे<br />
पत्नी सेवा भाव में तुम अपनी जवानी दाव पे रखोगे<br />
मैं सौभाग्य के मारे, खुशी से पागल होऊँगी<br />
तुम सेवा करते जाओगे मैं मेवा ताल मे रखूँगी<br />
तो अब जल्दी से हमारे प्रेम को तुम आकार दिला जाओ<br />
मैं रानी बन जाऊंगी तुम राजा मेरे बन जाओ<br />
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</div>अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-32029567851758757992011-11-18T14:25:00.000-08:002011-11-18T16:41:40.335-08:00रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं~ नाम नहीं है! Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhua62zhCbseEBO9FFYwVK0x3mX7yQTkQ8nc-3AW-y1thUhUVOJ3jZuTyI04BDJXQzOz1S7fWazEtPzBuhKw8lc1v6I3Uyi33dNMlOTqDfl9jHwmsl5bZxO5lR21ZdWoI03H6uDJkjNZW_H/s1600/7105271.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 320px; height: 214px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhua62zhCbseEBO9FFYwVK0x3mX7yQTkQ8nc-3AW-y1thUhUVOJ3jZuTyI04BDJXQzOz1S7fWazEtPzBuhKw8lc1v6I3Uyi33dNMlOTqDfl9jHwmsl5bZxO5lR21ZdWoI03H6uDJkjNZW_H/s320/7105271.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5676475756011384946" border="0" /></a><br /><br /><br />शहंशाह के दरबार में गूंजे थे यह बोल<br />बाप बने थे शहंशाह, बजने लगे थे ढोल<br />बड़े हुए तो क्या हुए, जैसे पेड़ खजूर<br />अब बनके बेटे को कहते, जी हुज़ूर जी हुज़ूर<br /><br /><br /><br />रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं मियाँ<br />और नाम जो है वो हमने तुम्हे भी दे दिया<br />अब इस नाम को आगे जाके करना तुम रौशन<br />छुट्टी कर देना बेटे, खान हो या रौशन<br /><br />बेटा बोला रिश्ते में तुम बाप रहे हो , बाप ही कहलाओगे<br />मैं विश्व सुन्दरी ढून्दुंगा, तुम देखते रह जाओगे<br />बोले फिर भारी आवाज़ में, यूं पी वाले "बड़े" भैया<br />फिर भी नाचूंग तो मैं ही , कजरारे तुनक तुनक ता ता थैया<br /><br />मू फुलाए छोटे वाले भैया को गुस्सा फिर जो आया<br />'विवेक' को भुला कर वह <span></span>किसी 'खान' से हीरा चुन के आया<br />फिर कमर पे हाथ डाल डाल 'गुरु' बुलाया खुद को<br />'चीनी कम' पड़ी पिता को तो ..'धूम' बनाया खुद को<br /><br />साए में पिता के और बीवी के पल्लू से लिपट लिपट<br />विश्व सुंदरी बगल में दबाये, पहुंचे बड़े परदे के निकट<br />पहले शहंशाह का बेटा कहलाये, फिर विश्व सुन्दरी के पति<br />गाल फुलाए बैठे बैठे , फिर कुंडली से उनकी महा धष एक दिन हटी<br /><br />अब तो करना था अपना नाम बड़ा और केवल अपना ही करना था<br />किसी का ठप्पा लगाये बिना अब तो पूरा पहाड़ चढ़ना था<br />बचपन से इच्छा थी जो बोलने की किसी को<br />वह अब तो मन में दबा के नहीं अब रखना था<br /><br />देश की आबादी देख, एक विचार मन में उनके आया<br />"थ्री जी "से पहले कुछ कर दिखाने का भार उन्होंने उठाया...<br />देश के लिए कुछ कर जाऊँगा , पर एक डायलौग के बाद<br />एक बार तो बनने दो मुझे भी किसी बिसात का बाद!<br /><br />फिर एक दिन उन्होंने भी कुछ खुद से कर दिखाया<br />खुद के दम पे , उन्होंने अपना परचम भी लहराया<br />फिर बोले वह भी... देखा हम भी कुछ कर सकते हैं<br />नाम चाहे हो न हो...रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं!!अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-28595150737942753862011-09-28T14:23:00.000-07:002011-09-28T14:46:23.572-07:00"कितने आदमी थे ~~ आक थू ~"! Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXyn15KxRuunHujDZgtxKXmfVR_Okb19DmXd5jeDh7kZpRQQhsytpbSNSAg7y2xPpb8eH177uxC6DaQm_W2hGrKCEhWq-iRXtMgyED9BRAiGF2vkgwl9p1iU80qJHo631E57QAIABaYFxP/s1600/Gabbar+singh.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 200px; height: 200px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXyn15KxRuunHujDZgtxKXmfVR_Okb19DmXd5jeDh7kZpRQQhsytpbSNSAg7y2xPpb8eH177uxC6DaQm_W2hGrKCEhWq-iRXtMgyED9BRAiGF2vkgwl9p1iU80qJHo631E57QAIABaYFxP/s320/Gabbar+singh.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5657524275637635410" border="0" /></a><br />लगभग चार दशक से यह सवाल<br />खाए जाए सबको<br />काले कालिया और संभार साम्भा<br />भी जाके विपदा बताएं किसको<br />कैसे बतलायें दोनों क़ि<br />रामगढ़ में हुआ था क्या<br />कैसे नमक का हक अदा हुआ<br />बसन्ती मिली थी किसको<br />आज सुनलो सभी यह बात<br />दबी रही है इतने साल<br />कैसे एक सिक्के के एक पहलू ने<br />उल्लू बनाया सबको<br /><br /><br />पहले सुनलो विपदा ठाकुर की<br />बेचारे के हाथ नहीं थे<br />पर यह विपदा ,विपदा नहीं है<br />विपदा यह है क़ि एक तो बीवी को गब्बर मार गया<br />ऊपर से हाथ भी काट गया<br />ठाकुर अपनी जलन जताता भी तो कैसे<br />सोचा दो नौजवानों की भी जवानी<br />मुर्झाऊंगा मैं ऐसे<br />एक को टाँगे वाली थमा दी उसने<br />दूजे को विधवा के साथ किया<br />फिर दोनों को गब्बर से लडवा के<br />एक को मौत के घाट किया<br />रामलाल भी ठाकुर की सेवा का<br />ढोंग रचाता गया<br />पूरी दौलत हड़प ली उसने<br />ऐसे उसने घात किया<br /><br /><br />अब बारी है एक और किरदार की<br />जो भुला दी गयी कहानी में<br />धन्नो बेचारी घोड़ी रह गयी<br />बसंती खिली जवानी में<br />जब डाकू पीछे पड़े बसन्ती के<br />तो " भाग धन्नो भाग " बसन्ती चिल्ला उठी<br />" आज बसंती की इज्जत का सवाल है" को मुद्दा बनके<br />सिनेमा में सीटियाँ बजवा चली<br />पर बेचारी धन्नो का डाईलौग निर्देशक ने हटा दिया<br />जब धन्नो बोली<br />" भागुंगी ही मैं तो पागल, तेरी इज्ज़त से पहले मुझे<br />अपनी इज्ज़त प्यारी है<br />डाकू केवल तेरे पीछे नहीं<br />सौ सौ घोड़े मेरी इज्ज़त पे भी भारी हैं"<br />धन्नो की विपदा को हमने तीस बरसों तक नकार दिया<br />सीटी मारी, वीरू पे और बसंती को रानी बना दिया<br /><br /><br />" बहुत कटीली नचनिया होगी ,<br />ज़रा हमको भी तो दिखाओ दो-चार ठुमके"<br />कहके गब्बर ने सबको झांसे में डाल दिया<br />उसके इस सवाल ने उसके चरित्र पे सवाल किया<br />इसके पहले के सवाल पे किसी ने न ध्यान दिया<br />" कौन चक्की का आटा खाती हो"<br />की मासूमियत को सबने नकार दिया<br />गब्बर तो बेचारा कालिया के कालेपन<br />का कुछ करना चाहता था<br />डाकुओं की रूप सज्जा के लिए<br />उस चक्की का आटा लाना चाहता था<br />ठुमके उसने मांगे थे बसन्ती से क्युंकी<br />वोह वीरू को समझाना चाहता था<br />कि बेटा... ठाकुर का तो जीवन व्यर्थ हो गया<br />तू अपना मत बरबाद कर<br />अपनी चिड़िया को उड़ा ले जा<br />रामगढ़ में न बस जा<br />कहीं मॉडर्न जगह जाके घर आबाद कर<br /><br /><br />अब बारी जय की थी जिसके मरने पे सब रोये थे<br />दोस्ती निभाई उसने , इस धोके में सब सोये थे<br />दिन भर साहब किसी और की चिड़िया पे नज़र डाला करते थे<br />बाकी समय वोह , वीरू की प्रेम कथा पे " भांजी " मारा करते थे<br />अब मुद्दे की बात यह है कि जब सिक्का उछाला था उसने<br />उसने दोनों पहलू बदले थे तो सोचा वीरू से बसन्ती मांगूंगा<br />सिक्का उछाल के बसन्ती को टाँगे में ले भागूंगा<br />पर व्यथा रही कि सिक्का गलत समय पे उसने उछाल दिया<br />वीरो को कबूतरी मिल गयी<br />और जय अपनी चाल चलने से पहले सिधार गया<br /><br /><br />गब्बर ने भी कई सवाल उठाये जिसको हम आज बताएँगे<br />उसके गुटके खाने की आदत पे भी आज रोशनी डाल जायेंगे<br />"कितने आदमी थे" यह उसके समलैंगिक संबंधों का प्रमाण है<br />उसको पकड़ने के लिए इसीलिए "पच्चास हज्जार" का ईनाम है<br />उसने जलन के मारे ठाकुर के भी हाथ इसीलिए काटे थे<br />"हरी सिंह" का नाम डुबोया, क्युंकी उसके गले धारा ३७७ के धागे थे<br />गुटका खा खा उसने कई कंपनियों का प्रचार किया<br />"आक थू" की गूँज से पूरा रामगढ़ घबराया था<br />साम्भा को " ऊंचे लोग ऊँजी पसंद" का इसीलिए खिताब मिला<br /><br /><br />यह सच्चा वृत्तांत सुनके शोले देखने जाईयेगा<br />और बाकी जो बचा सत्य है..वोह आके फरमाइयेगा<br />मेरी कविता का पाठ करके , वाह वाह कर जियेगा<br />" यह दोस्ती" को कृपया बखूबी निभाईयेगा<br /><br />"आक थू"अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-11299412730739208382011-09-22T13:31:00.000-07:002011-09-22T13:51:04.092-07:00अरे बुद्धू..Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj78iM9IEoG__p7wssINITAGS_PMXaDVCsuoWKCkV4rIlEDJwwyjG8uOYE6_RmHcNKn6YOsCrcE8rfgNXOZR_QYEZJm-G-atYFJYG-4YLMRgeZ_olFGEZWZ6pU_Sxjzy2zhVuNpiWo4-coW/s1600/cute38.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 256px; height: 279px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj78iM9IEoG__p7wssINITAGS_PMXaDVCsuoWKCkV4rIlEDJwwyjG8uOYE6_RmHcNKn6YOsCrcE8rfgNXOZR_QYEZJm-G-atYFJYG-4YLMRgeZ_olFGEZWZ6pU_Sxjzy2zhVuNpiWo4-coW/s320/cute38.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5655284530556489666" border="0" /></a><br />मैं बचपन मे खेला करता था<br />और दूध मलाई पेला करता था<br />नटखट इतना कि कान्हा शरमा जाए<br />मा पिताजी की गोद मे सोया करता था<br />और एक आवाज़ आती थी.....<br />अरे बुद्धू ....<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />छुटपन में स्कूल भी जाना पड़ा<br />बेंट, के दर्द को भी चबाना पड़ा<br />टीचर के ज़ुल्मों से लेकर<br />मार्कशीट के शून्य तक एक किरदार निभाना पड़ा<br />फिर भी उस आवाज़ ने पीछा ना छोड़ा<br />और वो डमरू फिर से बोला<br />अरे बुद्धू...<br /><br /><br />जवानी भी जल्दी आ गयी<br />साथ ज़िम्मेदारी भी आ गयी<br />गिर्ल्फ्रेंड के आँसुओं से लेके<br />उसके मोबाइल रीचार्ज करने की ज़िम्मेदारी<br />उसके हर पल "आइ लव यू बोलो " से भी थे कान भारी<br />जब उसने लात मारी<br />तो फिर एक आवाज़ आई...<br />अरे बुद्धू...<br /><br /><br />फिर काम काज मे लगे हम<br />बॉस की फ़रमाइशों से जन्मे सारे गम<br />एक नये गधे ने लिया जन्म<br />भाग दौड़ और ओफिस की राजनीति<br />में टूट गया दम<br />फिर आवाज़ आई<br />अरे बुद्धू....<br /><br /><br />बुद्धू ही हूँ तबसे<br />बुद्धि ना जाने कब आएगी<br />या ऐसे ही बुद्धू हो हो<br />गाड़ी जीवन की छूट जाएगी ?<br />कभी किसी का गधा, कभी किसी का कुकुर<br />ऐसे पन्च्तन्त्र सी गाथा मेरी लिखी जाएगी?<br />क्या हर दम मेरी बुद्धि घास चरती रह जाएगी?<br />कभी क्या बुद्धू से बुद्ध नही कहलाएगी?<br />क्या हरदम यह दो शब्द सुनता रहूँगा?<br />और बुद्धू बनता रहूँगा?<br /><br /><br />अरे बुद्धू...अरे बुद्धू...अरे बुद्धू<br />ही क्या मेरी पहचान रह जाएगी?अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-11354702423685011322011-08-03T14:30:00.000-07:002011-08-03T15:21:10.473-07:00चलो ठीक है .....मान लिया Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh4MWLofWBW-qD3V-XJ-0NSxzjBZyL_6qviI6rlPIRlC3q_uHpo-S-FBezFCmhohyphenhyphen1zvKCuMjFav1ka1RWz4fk0WTOLkebtgboOIqEQ_Hv91Mo_DtOkvfBfYNNvcwBTIuj5TquBkwbXUpw1/s1600/images.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 203px; height: 249px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh4MWLofWBW-qD3V-XJ-0NSxzjBZyL_6qviI6rlPIRlC3q_uHpo-S-FBezFCmhohyphenhyphen1zvKCuMjFav1ka1RWz4fk0WTOLkebtgboOIqEQ_Hv91Mo_DtOkvfBfYNNvcwBTIuj5TquBkwbXUpw1/s320/images.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5636746062302549970" border="0" /></a><br />चलो ठीक है .....मान लिया<br />प्रोफाइल पिक लड़की की हो तो कॉमेंट आएँगे<br />नही तो तुम्हारे शब्द फसेबूक के फीड मे गुम हो जाएगे<br />यहाँ भी यह सुंदरियाँ बाज़ी मार ले जाती हैं<br />हमारी तुम्हारी पोस्ट से ज़्यादा "लाइक" यह कमाती हैं<br />यहाँ भी आरक्षण सुंदरता को तुमने दान दिया<br />चलो ठीक है........मान लिया<br /><br /><br /><br />चलो ठीक है ...मान लिया<br />कि भले काया 2-डी हो इन्हे ही "फ्रेंड रिक्वेस्ट" ज़्यादा आती हैं<br />और 3-डी दुनियाँ की तरह, यहाँ भी यह उतना ही इतराती हैं<br />" सॉरी दिस यूज़र हैज़ टू मैनी फ्रेंड रिक्वेस्ट्स" के सैंडल यहाँ भी दिखाती हैं<br />चाहे कचरे से स्टेटस अपडेट क्यूँ ना भरा हो<br />यहाँ भी " वाओ यू आर सो प्रिटी प्रिया, विल यू बी माई फ्रैंड ?" से इनकी वॉल भर जाती है<br />देश की बागडोर की तरह यहाँ भी सत्ता का घोड़ा तुमने इन्पर थाम दिया<br />चलो ठीक है.....मान लिया<br /><br /><br />चलो ठीक है....मान लिया<br />गूगल से डाउनलोड करके यह अपनी " ऐलबम " बनाएँगी<br />फिर भी कीट पतंगो के जैसे " फौलोअरz" घुमाएँगी<br />" हेलो फ्रेंड्स, हाउ आर यू " कह कर बस<br />सैकड़ों बूढ़े जवान "मेल्स" को आपस में लड़वाएँगी<br />मेनका बनके यहाँ के विश्वमित्रो का ध्यान भंग करने का इन्होने ठान लिया<br />चलो ठीक है ...मान लिया<br /><br /><br />चलो ठीक है.....मान लिया<br />इन शब्दों पे काई लड़कियाँ गुस्सा प्रकट करेंगी<br />" यू आर सो सेक्सिस्ट" का धरना भी धरेंगी<br />लड़की मा, बेटी, बहिन , पॅटनी भी होती है. की चल भी चलेंगी<br />और अपने साथ कई और आशिकों के सीने पे मूँग दालेंगी<br />फसेबूक हो चाहे यह ज़िंदगी, इन्होने खुद को विश्वा विजेता ही अब मान लिए<br />चलो ठीक है.......जान लिया<br /><br /><br />फसेबूक से इस "पेज" को बौडीबूक नाम दे रहा हूँ<br />इतनी सारी महिलाओं से खुले आम पंगा ले रहा हूँ<br />पर क्या करूँ, आतंक के आगे सर नही झुका सकता,<br />भले कसाब को सूली चढ़ा ना पाऊँ<br />इस आतंक को ख़त्म करने का आगाज़ दे रहा हूँ<br /><br /><br />इनके झाँसे मे मत आओ, थोड़ा बुद्धि लगाओ<br />सुंदर डिसप्ले पिक के पीछे दूम ना हिलाओ<br />आकर्षक नाम के विगयापनों को पढ़के बेवक़ूफ़ उपभोगता ना बन जाओ<br />इनके पीछे ना भागो...इन्हे अपना पीछा करवाओ<br /><br /><br />तो ठीक है फिर...भुक्त भोगियों<br />मेरे शब्दों का अर्थ जान लिया?<br /><br />चलो ठीक है........मान लिया!अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-1609332945497988112011-07-18T12:31:00.001-07:002011-07-18T12:45:21.398-07:00शीला और मुन्नी : धन्यवाद! Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0d9njL9r0Kw0i_DoqO-XxJND3d2WuLRa66LJbTKgGa0JXjrRO4tI8_SZ5MeKLkS9uv9CDU3lEx21LL-xbU2-dHHCx7xbq_4Az-KZvSNUu0E9FtbSySHTvlgBS3nxCr_-V4s6uDxgbTDZl/s1600/munni1.jpg"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 320px; height: 259px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0d9njL9r0Kw0i_DoqO-XxJND3d2WuLRa66LJbTKgGa0JXjrRO4tI8_SZ5MeKLkS9uv9CDU3lEx21LL-xbU2-dHHCx7xbq_4Az-KZvSNUu0E9FtbSySHTvlgBS3nxCr_-V4s6uDxgbTDZl/s320/munni1.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630777673433352818" border="0" /></a><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhHXJ5WSsMe1rr4OU9zcQ-Y9R7QOROFlMDn2YM_DYozEn-ALZZ73aDFN_LxLJjkLeXmO1KZ5s8Ed9HfgaBrBYVKuwaTlF4Sl-36K2bpxNVgwJ0syNKg_En9IBpRKTpFC3We06I1hVnSTYNY/s1600/Katrina-Sheela-Ki-Jawani-Photos-Katrina-Kaif-20.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 320px; height: 136px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhHXJ5WSsMe1rr4OU9zcQ-Y9R7QOROFlMDn2YM_DYozEn-ALZZ73aDFN_LxLJjkLeXmO1KZ5s8Ed9HfgaBrBYVKuwaTlF4Sl-36K2bpxNVgwJ0syNKg_En9IBpRKTpFC3We06I1hVnSTYNY/s320/Katrina-Sheela-Ki-Jawani-Photos-Katrina-Kaif-20.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5630777330418182482" border="0" /></a><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />किसने कहा शीला की जवानी बेकार गयी<br />मुन्नी ऐसे ही बदनाम भई<br />मृगनयनी आँखों वाली इन देवियों ने तो<br />मुंबई विस्फोटों से देश का ध्यान बँटाया<br />माँस के बिखरे लोथडोन से कवरेज हटाया<br />दिग्विजय जी को मिला गॅस एजेन्सी बाँटने ना मौका<br />चिदंबरम को भी मिल गये श्रोता<br />यह जवानी कहाँ बेकार गयी<br />मुन्नी ऐसे ही थोड़ी ना बदनाम भई<br /><br /><br />तीन और बरस बीत जाने दो<br />भेल पूरी और चाट में सबको फिर भीग जाने दो<br />लालू जी को रेल मिनिस्ट्री फिर चलाने दो<br />और कीड़े मकोडे मर जाने दो<br />मरीने ड्राइव को फिर मुस्कुराने दो<br />फिर एक धमाका हो जाने दो<br />मुंबई को फिर एक पल उठके सो जाने दो<br />फिर मुन्नी को एक बार फिर बदनाम हो जाने दो<br />शीला की ज्वानी फिर चढ़ जाने दो<br /><br /><br />आओ अफ़ज़ल तुम भी आओ, दाल गोश्त पका है तुम भी खाओ<br />कसाब तेरी कसम, तुझे मरने ना देंगे<br />सूली चाड़ने ना देंगे<br />मेहमान नवाज़ी के हम दिग्गज हैं<br />तेरे जैसे फूल हमारी जेलों में फिर खिलेंगे<br />तुम आना हर तीन साल, सैंतालीस ले आना , करना धमाल<br />हम तो जनसंख्या के धनी है<br />तुम भी आओ मार गिरओ<br />हम तुम्हे शीला से मिला देंगे<br />मुन्नी बदनाम करवा देंगे<br />तुम बोलो और क्या चाहिए<br />पुर न्यूज़ चॅनेल्स में तुम्हे फेमस बना देंगे<br /><br /><br />हमें कोई फ़र्क नही पड़ता ऐसे धमाकों से<br />इस से बड़े धमाके तो हमारी फ़िल्मो में होते हैं<br />शीला जल उठती है पर्दे पे<br />और हर गली कूचे में मुन्नी बदनाम होती है<br />हमारी दिल्ली में कभी ना शाम होती है<br />मज़मे लगे हैं हर ओर, मदारी मचाते हैं कुर्सी से शोर<br />हम जनता जनार्दन तो बस बम के धमाकों के बाद सो जाते हैं<br />इटली के हाथों में है अपनी बागडोर...<br /><br /><br />मुन्नी तू मुफ़्त में बदनाम ना हुई<br />शीला तेरी जवानी की शाम ना हुई<br />तुम दोनो की कमर की थिरकन पे ही देश टिका है<br />कितने बम फटे, तुम्हारी गर्मी पे ही<br />सबका स्वार्थ सिका है..<br />मैं तो कहता हूँ मुन्नी जब बदनाम ही हो गयी हो तो<br />नेता ही बन जाओ, देश तो मैं कहता हूँ तुम ही चलाओ<br />शीला, तुम्हारी सखी वैसे भी दिल्ली में बैठी है<br />जवानी छोड़ो तुम, फ़ौरन कुर्सी पे बैठ जाओ<br />कम से कम लोगों को विश्वास तो हो जाएगा<br />कि बदनाम मंत्री अब देश चलाएगा<br />पगड़ी वाला बाबा चुप जो बैठा है<br />कम से कम इटली से तो ना अपनी पगड़ी बँधवाएगा<br /><br /><br />कमर कस लो मुन्नी<br />ना लड़ें शिया और सुन्नी<br />बागडोर तुम्हारे हाथ में शीला<br />होगा नही आतंकवाद के लहू से भारत गीला<br />तुम दोनो ऐसे देश चलाना<br />कि नशे में चूर रह जाए ज़माना<br />बम फटे या दंगे हो<br />लोग केवल गाते रहें तुम्हारा गाना<br /><br />मुन्नी बदनाम हुई ..देश के लिए<br />शीला की जवानी अब सेल के लिएअनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-41727459106675128402011-07-07T09:04:00.000-07:002011-07-07T09:34:21.853-07:00Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar!! Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfST3926DfaDQ_ybxBs-Ylj9sgfxfa_ztBhpVHGNIIl-d3J0w9ns4khCsl-PZoTBc4xtM2thkMdsC0qUiGrMIbErL5HAHRP9uwDatD2IIoDjfmhIq3UJzso3g2QX9zmpCtBQmxtDaMEaAy/s1600/canstock6004895.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 99px; height: 150px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfST3926DfaDQ_ybxBs-Ylj9sgfxfa_ztBhpVHGNIIl-d3J0w9ns4khCsl-PZoTBc4xtM2thkMdsC0qUiGrMIbErL5HAHRP9uwDatD2IIoDjfmhIq3UJzso3g2QX9zmpCtBQmxtDaMEaAy/s320/canstock6004895.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5626643371495155394" border="0" /></a><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />आज का ज़रा उठाओ तो अख़बार<br />पन्ने पलटो और देखो<br />इटली बाला चला रही है भारत सरकार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />हिन्दी भाषा पे लटकी है दुधारी तलवार<br />Swiss bankओं में धन जमा है हमारा<br />और Valentine's Day बन गया है त्योहार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />चारों ओर है देखो भ्रष्टाचार<br />चीनी तक तो झेल गये हम<br />भैंस का चारा भी हो रहा अब तो पौष्टिक आहार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />कहाँ गयी भारत की धार<br />कसाब तो बिर्यानी गोश्त दबा रहा है<br />ऐतिहासिक हो गयी.. पड़ोसी मुल्क की विश्वा कप मे हार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />भूखा लड़ रहा है अन्ना हमार<br />मसले इतने संजीदा हैं यहाँ पर फिर भी<br />शीला की जवानी हो गयी है गीता सार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />घोटाले ही घोटाले यहाँ हज़ार<br />हर कोई कर रहा दो के चार<br />multiplexओं में कैसी आग लगी है<br />अर्थ व्यवस्था की अरथी उठा रहे हैं भूखे और बेरोज़गार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />मुन्नी बदनाम हो रही हमार<br />नेता सारा माल पी रहे<br />जनता दी जा रही मुजरिम करार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />हवस की हर ओर टपक रही है लार<br />गाँधी के सपने का क्या हुआ<br />Love, Sex और धोखे की महिमा अपरंपार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />भारत माता है लाचार<br />Concrete की इमारतें हर ओर खड़ी हैं<br />भारत की हरियाली है बीमार<br /><br /><br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />कब तक होने दोगे यह बलात्कार<br />कब स्वदेशी अपनाओगे , कब डालोगे भारतीय संसकार<br />कब रोना बंद करोगे , कब करोगे ज़िम्मेदारी ,बदलने की, स्वीकार<br />या हमेशा ही अँग्रेज़ी किताब पढ़ोगे और टूटी हिन्दी में बोलॉगे<br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaar<br />Ladyयों और Gentओं, Namमस्कaarअनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-3913554257524952605.post-77765391230433535072011-06-30T11:49:00.000-07:002011-06-30T12:12:23.031-07:00FaceBook पर बापू मिल गए !! Copyright ©<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiAGVaK4MMDd0JrRBHRksRBmfADpv3VlPj4pX88QgOHfAyQab-T2yo4DC-uwZsgbx1Fnfg9yyqCYN8q5ia9kIyJNlCzxumZfTZ-ATvwFUPk5-1nl_khYOnf9hRTzP_A__TEgQUwsTjyg3b9/s1600/e9f99-FIR-on-Facebook-for-I-hate-Gandhi-account_temp.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 161px; height: 320px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiAGVaK4MMDd0JrRBHRksRBmfADpv3VlPj4pX88QgOHfAyQab-T2yo4DC-uwZsgbx1Fnfg9yyqCYN8q5ia9kIyJNlCzxumZfTZ-ATvwFUPk5-1nl_khYOnf9hRTzP_A__TEgQUwsTjyg3b9/s320/e9f99-FIR-on-Facebook-for-I-hate-Gandhi-account_temp.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5624088062247714114" border="0" /></a><br />आज facebook पे बापू मिल गए<br />poke किया तो बापू हिल गए<br />add करने की थी ज़िम्मेदारी<br />हमने request ही भेज डाली<br />बापू बोले chat पे आओ<br />अपना भी चहरा दिखलाओ<br />मेरा चेहरा तो १०० रुपये पे लगा हुआ है<br />तुम भी visible हो ही जाओ<br /><br /><br /><br /><br /><br />मैं बोला बापू कैसे हो तुम<br />कैसा है अपना विधाता<br />कैसे हैं चचा हमारे<br />एक hi ही बोल देना हमारा<br />कैसे याद किया है मुझको<br />बतलाओ कैसे क्या कर जाऊं<br />महिना भर ही बचा हुआ है<br />कैसा तिरंगा मैं लहराऊँ<br />बोले बापू सुन लो प्यारे<br />भारत छोड़ा था तेरे सहारे<br />यह तुमने क्या कर डाला<br />राज कर रही है इटली बाला<br />मनमोहन तो बस मन में मोहन<br />नित दिन पगड़ी नयी लगाता<br />हाथ मिलाये , फीते काटे<br />संसद में चुप हो जाता<br /><br /><br />यह थोड़ी था मेरा सपना<br />के लाल किले पे तो झंडा लहराए<br />नेता जी पर चारा खाएं<br />हिन्दू- मुस्लिम दंगें हों और<br />कसाब बैठ बिरयानी दबाये<br />यह थोड़ी था मेरा सपना<br />बाबा कोई market ले जाए<br />एक ओर तो कोई नंगा नाचे<br />और अन्ना भूखा सो जाए<br />मैं बोला बापू बोलो<br />कैसे मैं तुम्हारे काम जो आऊं<br />page बना दूँ भारत का क्या<br />और status पे "जय हो" चिपकाऊं<br /><br /><br />बोले बापू तुम बतलाओ<br />कैसे मैं facebook पे छाऊँ<br />कैसे अपना profile बनाऊं और<br />कैसे अपनी market फिर से बनाऊं<br />खादी तो अब बस कपडा ही है<br />धोती तो केवल सपना है<br />भारत नंगा बैठ गया है<br />"जैसा है" देश हमारा ,<br />यह तो बस अपना है<br /><br /><br />त्रस्त हो गए बापू को मैंने<br />थोडा ढाढस बंधाया<br />उनका page बना दिया और<br />like button मैंने दबाया<br />offline हुआ मैं जब<br />मैं केवल यह ही सोच पाया<br />facebook पे बापू मिल गए<br />और मैंने उन्हें friend बनाया<br />यह ही है अब भारत मेरा<br />facebook है उसका बसेरा<br />१५ अगस्त आएगा और झंडे भी लहरायेंगे<br />हम एक कविता और लिखेंगे<br />और देखभक्त कहलायेंगे!!<br /><span style="color:#888888;"><br /></span>अनुपम ध्यानीhttp://www.blogger.com/profile/15320334148700046650noreply@blogger.com0