Tuesday, May 15, 2012

सजनी के सौजन्य से ~ साजन हित में जारी ! Copyright©







देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना
तुम ही मेरा जीवन हो, तुम ही हो अब मेरा सपना


कॉलेज के पहले दिन से तुम जब चक्कर काटा करते थे
क्लसेस बंक कर के तुम कैसे हरदम प्रेम बाँटा करते थे
सुबह शाम बॉडयगार्ड सा पीछे पीछे चलते थे
गिर भी जाओ तो तुम फिर खुद से ही संभलते थे
कैसे तुम मोबाइल का मेरे बिल हमेशा भरते थे
कैसे तुमसे शहर के सारे आशिक़ डरते थे

देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना
तुम ही मेरा जीवन हो, तुम ही हो अब मेरा सपना

कॉलेज ख़त्म हुआ तो तुमने दर दर की ठोकर खाई
अपनी जॉब से पहले तुमने मेरी जॉब पहले लगवाई
खुद भूखे सोए पर, शॉपिंग मेरी पूरी करवाई
बस मे तुम जाते थे पर स्कूटी तुमने मुझे दिलाई
ऐसे सजना को कैसे कोई मन में ना बसा जाए
बचा के रखना पड़ता है, कोई और ना इसे फँसा जाए

देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना
तुम ही मेरा जीवन हो , तुम ही हो अब मेरा सपना

खुद को तुमने गधा कहा था, मुझे विश्वा सुंदरी सजना
खुद को मेरा पालतू, और मुझे आज़ाद परी सजना
मैने एक चुंबन के लिए तुम्हे कितना तरसाया था
तुमने फिर भी किसी और के लिए प्रेम ना जगाया था
मैने प्रेम विवाह के लिए, तुम्हे कितना भगाया था
तुमने फिर भी अपने दिल मे मेरा मंदिर बनाया था
ऐसे भक्त के लिए मैं क्यूँ ना प्रकट हो जाऊं
जो मुझे पाना चाहता हो, उसकी क्यूँ ना हो जाऊं

देखो कितनी डूबी हूँ तेरे प्रेम में मैं सजना
तुम ही मेरा जीवन हो,तुम ही हो अब मेरा सपना

जब शादी होगी तुमसे तो तुम रानी जैसे रखोगे
पत्नी सेवा भाव में तुम अपनी जवानी दाव पे रखोगे
मैं सौभाग्य के मारे, खुशी से पागल होऊँगी
तुम सेवा करते जाओगे मैं मेवा ताल मे रखूँगी
तो अब जल्दी से हमारे प्रेम को तुम आकार दिला जाओ
मैं रानी बन जाऊंगी तुम राजा मेरे बन जाओ


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