Friday, November 18, 2011

रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं~ नाम नहीं है! Copyright ©




शहंशाह के दरबार में गूंजे थे यह बोल
बाप बने थे शहंशाह, बजने लगे थे ढोल
बड़े हुए तो क्या हुए, जैसे पेड़ खजूर
अब बनके बेटे को कहते, जी हुज़ूर जी हुज़ूर



रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं मियाँ
और नाम जो है वो हमने तुम्हे भी दे दिया
अब इस नाम को आगे जाके करना तुम रौशन
छुट्टी कर देना बेटे, खान हो या रौशन

बेटा बोला रिश्ते में तुम बाप रहे हो , बाप ही कहलाओगे
मैं विश्व सुन्दरी ढून्दुंगा, तुम देखते रह जाओगे
बोले फिर भारी आवाज़ में, यूं पी वाले "बड़े" भैया
फिर भी नाचूंग तो मैं ही , कजरारे तुनक तुनक ता ता थैया

मू फुलाए छोटे वाले भैया को गुस्सा फिर जो आया
'विवेक' को भुला कर वह किसी 'खान' से हीरा चुन के आया
फिर कमर पे हाथ डाल डाल 'गुरु' बुलाया खुद को
'चीनी कम' पड़ी पिता को तो ..'धूम' बनाया खुद को

साए में पिता के और बीवी के पल्लू से लिपट लिपट
विश्व सुंदरी बगल में दबाये, पहुंचे बड़े परदे के निकट
पहले शहंशाह का बेटा कहलाये, फिर विश्व सुन्दरी के पति
गाल फुलाए बैठे बैठे , फिर कुंडली से उनकी महा धष एक दिन हटी

अब तो करना था अपना नाम बड़ा और केवल अपना ही करना था
किसी का ठप्पा लगाये बिना अब तो पूरा पहाड़ चढ़ना था
बचपन से इच्छा थी जो बोलने की किसी को
वह अब तो मन में दबा के नहीं अब रखना था

देश की आबादी देख, एक विचार मन में उनके आया
"थ्री जी "से पहले कुछ कर दिखाने का भार उन्होंने उठाया...
देश के लिए कुछ कर जाऊँगा , पर एक डायलौग के बाद
एक बार तो बनने दो मुझे भी किसी बिसात का बाद!

फिर एक दिन उन्होंने भी कुछ खुद से कर दिखाया
खुद के दम पे , उन्होंने अपना परचम भी लहराया
फिर बोले वह भी... देखा हम भी कुछ कर सकते हैं
नाम चाहे हो न हो...रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं!!

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